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बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

हकीकत कभी तमाशा नही बनती

हकीकत कभी तमाशा नही बनती
की है आपने हमें पहचानने मै गलती
जिसके पास है पैसा
आजके दो़र मै उसीकी है चलती
किसीकी सफलता को देखा कर
पहले तो दुनिया है हँसती

अनूप पालीवाल

2 टिप्‍पणियां:

वाणी गीत ने कहा…

कविता थोडा और विस्तार चाहती है ..!!

Amit ने कहा…

sahi hai duniya me paisa bolata hai ..

wo sab kuch to nhi per bahot kuch hai ..

post ke liye dhanyawad :)