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बुधवार, 27 जुलाई 2011

भ्रष्ट नेता चालीसा
l वाह रे वाह नेता दमदार l
ll कैसा फैलाया हैं मायाजाल ll
l हर क्षेत्र में ये पारंगत l
ll क्षण में बदले अपनी फितरत ll
l बुद्धिवान गुनी अति चातुर l
ll देश का पैसा खाने को आतुर ll
l चोर डाकू के तुम रखवाले l
ll इनकी मदद करे बिन पैसा ले ll
l देश दुनिया में आग लगाई l
ll अपने घर पर साज सजाई ll
l चले ये मंत्री सांप की चाल l
ll करे देश का बंटाधार ll
l करते-रहते गड़बड़ घोटाला l
ll अपने हाँथ करे मुंह काला ll
l एक दुसरे की कुर्सी खिंचावे l
ll अपने सिर के बाल नुचावें ll
l देश की जनता मरती भूखी-प्यासी l
ll देते नहीं एक भी सुखी रोटी ll
l नाम किया हैं अब बदनाम l
ll देश को करे लहुलुहान ll
l देश की जनता पर करे हैं वर l
ll मचा हैं कैसा हाहाकार ll
l भारत को नौच-नौच के खावे l
ll बन्दर जैसा नाच नचावे ll
l रावन होत अब शर्मिंदा l
ll मुझे बड़ा कौन ये दरिंदा ll
l जा-जय-जय इनकी सरकार l
ll बंद करो ये अत्याचार ll