चलते रोज है पर मंजिल पर पहुंच नहीं पाते
दोस्तों से मिलते रोज है पर बात कर नहीं पाते
टीवी रोज देखते है पर घर वालो का हाल पुछ नहीं पाते
कॉलेज रोज जाते है पर पड़ कर नहीं पाते
वह रोज मिलती है पर इजहार कर नहीं पाते
पानी की कमी से हम रोज नाह नहीं पाते
जीने की आस मे जिंदगी जी नहीं पाते
हाथ छुते भी तो रिश्ते छोड़ नहीं पाते
पैसा ही सब कुछ है आज के समय मे दोस्तों
पैसा नहीं होता है तो अपने भी साथ रहा नहीं पाते
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