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शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

तू नहीं मिला था जब

तू नहीं मिला था जब
अकेला था मगर इतना नहीं था
रास्ता तो था मेरे साथ मगर
मंजिल का पता नहीं था
तुझसे मिला तो लगा जिंदगी को
मैने इस तरह कभी जिया तो नहीं था
जो खुशबु बिखेरता है मेरे हर सु
वो तू था गुलाब नहीं था
भीगता रहा हूँ उम्र भर धुप मै
पहले कभी गेसुओ का सहारा नहीं था
आज जो लिखा है मैने तुम्हारे लिए
पहले कभी इस तरह लिखा नहीं था

तू नहीं मिला था जब
अकेला था मगर इतना नहीं था

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