हमारा  देश आज़ाद हुआ है मगर हमारे विचार आज भी गुलाम है स्वार्थ के, लालच के....  किसी को किसी भी तरह की हनि पहुंचाते वक़्त हम जरा भी इस देश इस समाज के  बारे मै नहीं सोचते.... सिर्फ अपने फायदे के लिए.... क्यों की हमे अपना घर  अपना परिवार दिखाई देता है 
और हम आज ही के दिन याद करते है और भूल जाते है आने वाले छे महीने के लिए .... की कोई दिन आया था कभी देश का .... 
सिर्फ जरुरत है विचार बदने की ....क्यों की विचार बदलेगा तो परिणाम बदलेगा ......