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शनिवार, 9 अप्रैल 2011

लेकिन कंही एसा न हो की ये सुबह का सूरज इन नेताओ के कारन शाम की सुरुआत हो ... और फिर वही भ्रष्टाचार के अँधेरे मै जनता की जिंदगी गुजरे ... भ्रष्टाचार के खिलाफ अब ये आग नेताओ की कुर्सी के निचे हमेशा जलती रहनी चाहिए जिससे की ये समझ सके की ये कुर्सी उनको देश सेवा के लिए दीगई है न की उनके बाप की जागीर है क्या सच मै अब शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पियेंगे .....

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