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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

... फिर भी यहाँ जिंदा है हम, गैरों के दिए हुए नाम इंडिया से। "


नहीं स्वतंत्र अब तक हम, हमें स्वतंत्र होना है, कुछ झूठे देशभक्तों ने, किये जो पाप, धोना है।

"भारत मानव जाति के विकास का उद्गम स्थल तथा मानव बोली का जन्म स्थान है और साथ ही यह देश गाथाओं एवं प्रचलित परंपराओं का कर्मस्थल तथा इतिहास का जनक है। केवल भारत में ही मानव इतिहास की हमारी सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद सामग्री खजाने के रूप में सहेजी गयी है। "

" आंसू टपक रहे है, भारत के हर बाग से,
... शहीदों की रूहे लिपट के रोती है, हर खासो आम से,
अपनों ने बुना था हमें, भारत के नाम से,
... फिर भी यहाँ जिंदा है हम, गैरों के दिए हुए नाम इंडिया से। "

हम बनायेंगे नया हिंदुस्तान
मेरा भारत महान
हमे गर्व है की हम हिन्दुस्तानी हैं

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