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शनिवार, 10 मार्च 2012

रण का तुम आह्वान करो

पतन नहीं
उत्थान करो
रण का तुम
आह्वान करो
लक्ष्य भले ही
दुष्कर हो
अर्जुन सा
शर-संधान करो
भय का जो
अंधियारा हो
विफल प्रयास जो
सारा हो
एक ध्येय पर
अड़ जाओ
देह की माना
सीमा है
अन्तर की  सीमा
मत बांधो
 
श्राप को भी
वरदान करो 
- Sonal Rastogi....

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