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गुरुवार, 31 मई 2012

साहस की ओर सात कदम............

1. अपनी अंतरात्मा की सुनें दुनिया के कुछ बहुत साहसी लोग इस श्रेणी में इसलिए शामिल हो पाए, क्योंकि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज
सुनी और आसपास घटित बातों को अनदेखा नहीं किया। महात्मा गांधी से बड़ा उदाहरण इस मामले में और क्या हो सकता है। उन्होंने जब दक्षिण अफ्रीका में अन्याय देखा तो इसका प्रतिकार करने का फैसला किया। उन्होंने ये सब बगैर हिंसा के किया। उन्होंने अन्याय के खिलाफ कोई हथियार बेशक नहीं उठाया, लेकिन उसके सामने झुकने से भी मना कर दिया। वह चाहते तो अपने लोगों की दुर्दशा को अनदेखा करके आरामदायक ज़िन्दगी भी बिता सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, बल्कि अंतरात्मा की आवाज सुनी। हालांकि इस पथ पर चलकर उन्हें खुद काफी संताप झेलना पड़ा। जब आप अपनी अंतरात्मा की राह पर चलते हैं तो ये देखें कहीं अन्याय तो नहीं हो रहा। चाहे वो आपका कार्यस्थल हो या आपके शहर, गांव या देश में या फिर आपका व्यक्तिगत जीवन। किसी अन्याय के खिलाफ स्टैंड लेना वाकई साहसपूर्ण होता है और साहस को बढ़ाता भी है।


2. भय महसूस करें तो इसे दूर करें साहस का मतलब ये नहीं कि आप डर नहीं सकते। असली साहसी भय भी महसूस करता है, लेकिन जरूरत इस बात की होती है कि इसे कैसे दूर करें। ये आपकी ज़िन्दगी में किसी भी रूप में हो सकता है। यहां तक कि अगर बॉस से वेतन वृद्धि के बारे में भी बात करनी हो और आपको लगता है कि आप इसके हकदार हैं तो साहस करें। कोई भी बात जो आपको भयभीत कर सकती है, नर्वस कर सकती है, उसे जरूर दूर करने की कोशिश करें।

3. कभी हिम्मत न हारें जब आप वास्तव में सच्चे दिल से कुछ चाहते हैं और इसे पाना मुश्किल होता है तो इसे हासिल करने के लिए पूरे साहस और समर्पण से जुट जाएं। हो सकता है कि कई बार आपको लगे कि आप हार गए या लक्ष्य असंभव हो गया, लेकिन तब भी साहस बटोर कर फिरसे जुट जाएं। मान लीजिए कि आप अपनी नौकरी गंवा चुके हैं, काम नहीं मिल रहा तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। हो सकता है कि आपको लगे कि आपने जो कुछ हासिल किया, वो धीमे-धीमे बिखरने लगे तो आसान विकल्प यही है कि हार मान लीजिए और मान बैठिए कि ज़िन्दगी आपके साथ साजिश कर रही है, लेकिन ऐसा करके आप खुद की हार को आमंत्रित करेंगे, बल्कि इसके उलट हर सुबह खुद को नए उत्साह से तैयार कीजिए। लग जाइए जॉब की तलाश में, आप खुद देखेंगे कि समय बदलने लगेगा। अगर आप दिमागी अवस्था में उत्साह और लगन बनाए रखेंगे और कभी हार नहीं मानने वाली स्थिति में होंगे तो तयशुदा तरीके से लक्ष्य तक पहुंचेंगे।

4. अनजाने को ग्रहण करें हम अंधेरे से क्यों डरते हैं? शायद इसलिए, क्योंकि अंधेरे में कुछ दिखता नहीं, सबकुछ अपरिचित-सा लगता है। हमें अंधेरे से ज्यादा भय अनजाने का होता है। हम अनजानी बातों से डरते हैं। हम जिन नौकरियों को पसंद नहीं करते, वे भी करते रहते हैं क्योंकि वे सुरक्षित और स्थायित्व वाली लगती हैं, इसी के चलते हम अपने सपनों को पूरा करने से डरते हैं। हकीकत में हम अपनी ज़िन्दगी में बदलाव से पहले यथास्थितिवादी बने रहना चाहते हैं। हमें शायद ये नहीं मालूम कि अधिकतर महान आविष्कार इन्हीं अनजानी स्थितियों से और अपरिचित को ग्रहण करने के साहस से ही सामने आए हैं। अगर आप बदलाव को स्वीकार करते हैं, भले ये आपको शुरू में डराए, लेकिन आखिरकार ज्यादा संतुष्टि वाली और खुश ज़िन्दगी की ओर ले जाता है। हो सकता है कि आप नौकरी नहीं छोड़ सकते हों, लेकिन नई बातों के लिए कोशिश तो कर सकते हैं।

5. सच्च विश्वास अगर आप किसी काम के लिए पूरी तरह समर्पित नहीं हैं, यानी जो कर रहे हैं, उस पर सौ फीसदी विश्वास नहीं करते तो उस काम को करने का मतलब क्या है, ऐसे में आप सच्चे अथरें में कभी सच्च साहस नहीं जुटा पाएंगे। अगर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं तो आपका अधूरा साहस आपको नाकाम कर देगा। साहस को उस काम के लिए बचा के रखिए, जिसमें आपको वाकई भरोसा है, जो आपको सही लगता है। अगर एेसा है तो अपनी पूरी ऊर्जा और साहस के साथ उसमें लग जाइए, फिर देखिए कि वो होता कैसे नहीं है!

6. नहीं कहने वालों को अनदेखा करिए इसका कोई मतलब नहीं है कि आपने अपनी ज़िन्दगी में क्या चुना है, आप पढ़ना चाहते हैं या व्यवसाय करना चाहते हैं, राजनीति में जाना चाहते हैं या कुछ और। आपके चारों ओर ढेर सारे नकारात्मक लोग होंगे, जो आपको अपनी बातों से सहमत करने की कोशिश करेंगे कि आप अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे। अगर आप वाकई वहां पहुंचना चाहते हैं, जहां तक
पहुंचने का आपने इरादा बनाया है तो आपको नकारात्मकता को रोकना होगा। हमेशा अच्छी सलाह लेने की कोशिश करें। याद रखें कि आप अपने भाग्य या नियति के नियंता खुद होते हैं, अगर आप दूसरों को खुद पर प्रभाव डालने का मौका देंगे तो आप कभी वह हासिल नहीं कर पाएंगे, जो आप वाकई करना चाहते हैं।

7. असफलता के लिए तैयार रहें विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था कि साहस के रास्ते में नाकामियां भी आती हैं, बस उत्साह को बनाए रखना चाहिए। उनकी नज़र में सफलता के रास्ते में एक नाकामी जरूरी है, इसके बाद आप दोगुने उत्साह से अपनी कमियों को झाड़ कर खड़े हो सकते हैं। साहस आपको महसूस कराता है कि नाकामी का मतलब केवल इतना भर है कि आप अपनी सफलता के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं, इसलिए नाकामी से कभी मत घबराइए और भय को आपकी हर कोशिश में अड़ंगा डालने से रोकिए। अनुभव से सीखिए और हर बार नई रणनीति अपनाएं।

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