कुछ पाकर खो देने का डर,
कुछ न पा सकने का भय,
ज़िन्दगी के पटरी से उतर जाने की चिंता..
इन्हीं छोटे-छोटे डरों से घिरी रहती है ज़िन्दगी,
लेकिन जिस वक्त हम ठान लेते हैं..
कुछ नया करना है, तभी जन्म लेता है साहस!
और फिर कदम कभी नहीं रुकते। मंजिलों तक ले जाता है
सिर्फ साहस।
कोई भी संकल्प हौसले के बिना नहीं पूरा होता।
पत्थरों को आपस में रगड़ते हुए
इंसान चिनगारियों से डरा होता तो आग न पैदा होती।
बुद्ध ने घर छोड़ने का साहस न किया होता तो
हम अज्ञान से घिरे रहते।
अंग्रेजों से टकराने की हिम्मत थी, तभी हमें आजादी मिली।
ज़िन्दगी के हर लम्हे में, हर मोड़ पर
साहस जरूरी है। हिम्मत ऐसा नायाब गुण है,
जिसके जरिए हर राह आसान होती है, हर
सफर तय करना मुमकिन हो पाता है।
कुछ न पा सकने का भय,
ज़िन्दगी के पटरी से उतर जाने की चिंता..
इन्हीं छोटे-छोटे डरों से घिरी रहती है ज़िन्दगी,
लेकिन जिस वक्त हम ठान लेते हैं..
कुछ नया करना है, तभी जन्म लेता है साहस!
और फिर कदम कभी नहीं रुकते। मंजिलों तक ले जाता है
सिर्फ साहस।
कोई भी संकल्प हौसले के बिना नहीं पूरा होता।
पत्थरों को आपस में रगड़ते हुए
इंसान चिनगारियों से डरा होता तो आग न पैदा होती।
बुद्ध ने घर छोड़ने का साहस न किया होता तो
हम अज्ञान से घिरे रहते।
अंग्रेजों से टकराने की हिम्मत थी, तभी हमें आजादी मिली।
ज़िन्दगी के हर लम्हे में, हर मोड़ पर
साहस जरूरी है। हिम्मत ऐसा नायाब गुण है,
जिसके जरिए हर राह आसान होती है, हर
सफर तय करना मुमकिन हो पाता है।
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