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मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

जहाँ शर्म से मस्तक झुक जाता है

आज भारत माँ को "लूटा" जा रहा है ,माँ की "इज्ज़त" खतरे में है . हमारी आज़ादी को किसी की बुरी नज़र लग गई लगता है . देश "मायावी" दानवों के चंगुल में "छटपटा" रहा है .प्रतिदिन अनेकों जाने जा रही है मुफ्त में...!!! कोई .."अनशन".. के नाम पर कोई .."आन्दोलन".. के नाम पर कोई .."दुर्घटना".. के नाम पर तो कोई .."अपराधियों".. .."आतंकवादियों"..  के हाथो मर रहा है कही .."मजबूरी".. मार रही है तो कही .."ब्यवस्था".. ............. रूप चाहे कोई भी हो पर......... ""मौत का नंगा नाच""... भारत भूमि पर खेला जा रहा है "हिन्दू" इतना मजबूर हो गया की वह भी ..."मरता क्या ना करता"... की स्थिति में "आतंकवाद" के सहारे अपना .."अस्तित्व".. बचाने की कोशिश में लगा है ..... आज कहने को भारत "आज़ाद" है पर ना तो यहाँ हमारी .."जान".. सुरक्षित है ना .."माल".. और ना ही .."इज्ज़त".. हर बार .."बहुसंख्यक".. समाज को ही ...""बलि का बकरा""... बनाया जाता है............ बड़े .."शर्म".. की बात है की एसे "विकट" समय में भी हमारे ....."""हिन्दू भाई सुबह सात बजे से ही"""....." नाच गाने"..... और .."चुटकुलों".. में "आनंद की प्राप्ति" करने लगते है. ............. अरे ..."गद्दारों"... तुम्हारी ...."माँ की इज्ज़त".... खतरे में है .."खज़ाना".. मायावी खाली किये जा रहे है ..... एसे में भी तुम .."मज़े".. में हो तो तुमसे बड़ा ..."हरामी"... और कहीं ढूंढना नहीं पड़ेगा बस फेसबुक खोल लो मिल जायेंगे ...."कपूतों".... के झुण्ड के झुण्ड............. फिर बताओ इस .."दुर्दशा".. का ..... """असली जिम्मेदार""".....  कौन है...?????????????

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