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बुधवार, 1 अप्रैल 2009

हे प्रभु !


हे प्रभु !

मुझे उन बातो को स्वीकारने का

धेर्य दे ...

जिन्हें में बदल नही सकता

हिम्मत दे ...

उन् बातो को बदलने की

जिन्हें में बदल सकता हूँ

और इन दोनों के अन्तर को

समझने की बुद्धि दे ...

- अनूप पालीवाल, सेंधवा

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